धमतरी (नईदुनिया प्रतिनिधि)। पटाखों का बहुतायत में उपयोग होने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण कोरोना वायरस के घातक रूप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या भी बढ़ सकती है। प्रदूषण कोरोना प्रभावितों के लिए घातक हो सकता है। इसे लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश का राज्य में कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं।
पटाखों के उपयोग संबंधी जारी निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन करने के संबंध में मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देश के तहत जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा, संतोषजनक अथवा मध्यम श्रेणी हो वहां केवल हरित पटाखे ही विक्रय तथा उपयोग किए जाएं। दीपावली, छठ, गुरुपर्व तथा नया वर्ष, क्रिसमस इत्यादि के अवसर पर पटाखों को फोड़ने की अवधि भी दो घंटे ही निर्धारित की गई है। निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश कार्यपालन दंडाधिकारी द्वारा दिए गए हैं।
जारी निर्देशों के तहत ऐसे शहरों में हरित पटाखों के फोड़े जाने की अवधि दीपावली पर्व पर रात्रि आठ बजे से रात्रि 10 बजे तक, छठ पूजा पर सुबह छह बजे से सुबह आठ बजे तक, गुरुपर्व पर रात आठ बजे से रात 10 बजे तक और नया वर्ष अथवा क्रिसमस पर रात्रि 11.55 बजे से 12.30 बजे तक निर्धारित की गई है। इसी तरह पटाखों के उपयोग के संबंध में उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी निर्देश के अनुरूप कम प्रदूषण उत्पन्ना करने वाले इम्प्रूव्ड एवं हरित पटाखों की बिक्री केवल लायसेंसधारी ट्रेडर्स द्वारा की जा सकेगी। केवल उन्हीं पटाखों को उपयोग के लिए बाजार में बेचा जा सकेगा, जिनसे उत्पन्ना ध्वनि का स्तर निर्धारित सीमा के भीतर हो।
सीरिज पटाखे प्रतिबंधित
सीरीज पटाखे अथवा लड़ियों की बिक्री, उपयोग तथा निर्माण प्रतिबंधित किया गया है। पटाखों के ऐसे निर्माताओं का लायसेंस भी रद करने के निर्देश दिए गए हैं, जिनके द्वारा पटाखों में लिथीयम, आर्सेनिक, एन्टिमनी, लेड एवं मर्करी का उपयोग किया गया है। आनलाइन पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित रहेगी। पटाखों का बहुतायत में उपयोग होने से वायु प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होती है। वायु प्रदूषण बढ़ने के कारण कोरोना वायरस के घातक रूप की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। वायु प्रदूषण अधिक होने से कोरोना वायरस के रोगियों की संख्या भी बढ़ सकती है। इसे लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा जारी आदेश का राज्य में कड़ाई से पालन के निर्देश दिए गए हैं।