चारामा (निप्र)। महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायत किलेपार में किए गए कार्य का कार्य के अनुपात में कम राशि का भुगतान करने पर गुरुवार को मजदूरों ने ग्राम पंचायत कार्यालय में जमकर हंगामा किया। उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों की 500 से लेकर 2000 रुपए तक की मजदूरी काट दी गई है, जो कि सरासर अन्याय है। उन्होंने मस्टररोल तैयार करने में मनमानी का आरोप लगाते हुए इस मामले उचित कार्रवाई की मांग की है।
ग्राम पंचायत किलेपार कार्यालय पहुंचे मजदूरों ने बताया कि ग्राम पंचायत में जनवरी-फरवरी में मनरेगा के तहत निजी तालाब गहरीकरण, सड़क चौड़ीकरण, तालाब गहरीकरण, दो स्थानों पर समतलीकरण कार्य में लगभग 350 मजदूरों से कार्य कराया गया था, जिसकी कुल राशि 13 लाख 13 हजार 252 रुपए थी। उसका आज ग्राम पंचायत किलेपार में एक्सिस बैंक के एजेंटों द्वारा भुगतान किया जा रहा है। इसमें उन्हें कम मजदूरी दी जा रही है। उन्होंने ग्राम सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक व इंजीनियर पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया।
आक्रोशित मजदूरों ने बताया कि इस योजना के तहत प्रत्येक मजदूर को प्रतिदिन 146 रुपए मजदूरी का भुगतान किया जाना है। मनरेगा के तहत जिस स्थान पर कार्य प्रांरभ होता है, उसी स्थान पर कार्य करने के बाद मेट व रोजगार सहायक द्वारा मस्टररोल भरकर संधारण किया जाता है। उसके आधार पर मजदूरों को राशि का भुगतान किया जाता है। लेकिन आज छह माह बीतने के बाद उन्हें कम मजदूरी दी जा रही है। निर्माण कार्यों में संलग्न मेट यशोदा ध्रुव अन्य मजदूरों ने बताया कि कार्य स्थल पर कोई अधिकारी नहीं आया था। इंजीनियर ने भी कभी अवलोकन नहीं किया। फिर किस आधार पर मूल्यांकन कर मेहनत की राशि को घटाई गई है। दुर्गा बाई जुर्री ने बताया कि सभी मनरेगा के कार्य में 41 दिन तक कार्य किए हैं, जिसकी कुल राशि 5 हजार 986 रुपए होती है और उन्हें 4100 रुपए का भुगतान किया गया है। कन्हैयालाल वर्मा ने बताया कि उसने 35 दिन कार्य किया जिसकी कुल राशि 5110 रुपए होती है। उसे 2800 रुपए का भुगतान किया। उसने बताया कि सभी मजदूरों की 500 से लेकर 2000 तक की राशि काटी गई है। पीड़ित ग्रामीणों ने पंचायत के जनप्रतिनिधियों पर भी नाराजगी जाहिर की। रोजगार सहायक रामचरण दुग्गा ने बताया छह कार्य का भुगतान किया जा रहा है। मूल्यांकन के आधार पर राशि काटी गई है।
जांच होनी चाहिए
इस संबंध में जनपद उपाध्यक्ष विजय ठाकुर ने बताया कि मनरेगा के तहत 146 रुपए प्रतिदिन मजदूरी दी जाती है। किए गए कार्य का भुगतान एक सप्ताह के अंदर किया जाना होता है, लेकिन अभी तक नहीं किया गया। तकनीकी सहायक कार्य स्थल पर नहीं जाते। मजदूरों को कम राशि का भुगतान किया जा रहा है, जो कि उनके साथ अन्याय है। इसकी जांच की जाना चाहिए।
कार्य के दिनों की गणना अनुसार किया जाना है भुगतान : गोयल
जिला पंचायत के सीईओ कार्तिकेय गोयल ने इस संबंध में कहा कि किए गए कार्य के दिनों के आधार पर प्रति मजदूर प्रतिदिन 146 रुपए की दर से भुगतान किया जाना है। दिनों की गणना के अनुसार यदि भुगतान नहीं किया गया है तो वे इस मामले को स्वयं देखकर जानकारी एकत्रित कर कार्रवाई करेंगे। इस संबंध में किलेपार के संबंधित कार्य में लगे मजदूर मुझसे सीधे मिल सकते हैं।