पूर्व सीएम डा. रमन सिंह को राहत, हाई कोर्ट ने कहा- याचिका न्यायालयीन प्रक्रिया का है दुस्र्पयोग
आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच को लेकर कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने दायर की थी याचिका।
By anil.kurrey
Edited By: anil.kurrey
Publish Date: Wed, 01 Mar 2023 08:35:45 PM (IST)
Updated Date: Wed, 01 Mar 2023 08:35:45 PM (IST)
बिलासपुर(नईदुनिया प्रतिनिधि)। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को बड़ी राहत दी है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद उनके खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। साथ ही याचिका को न्यायालयीन प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया है। कोर्ट ने माना है कि जिन तथ्यों पर याचिका दायर की गई थी उसमें प्रथम दृष्टया कोई अपराध नहीं बनता।
कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने वर्ष 2018 में अधिवक्ता हर्षवर्धन परघनिया के माध्यम से हाई कोर्ट में रिट क्रिमिनल याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि तत्कालीन सीएम डा. रमन सिंह ने वर्ष 2008, 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति की जानकारी छिपाई है।
चुनाव आयोग को संपत्ति के संबंध में शपथ-पत्र में गलत जानकारी दी है। याचिकाकर्ता ने इसके खिलाफ पहले आर्थिक अपराध अंवेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो में कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री की संपत्ति की जांच कराने की मांग की थी। साथ ही हाई कोर्ट में केंद्रीय जांच एजेंसी को पक्षकार बनाने की मांग की भी की थी।
राजनीतिक दुभार्वना से दुष्प्रेरित बताया था याचिका को
याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस पर पूर्व सीएम की तरफ से सीनियर एडवोकेट अनिल खरे और विवेक शर्मा ने तर्क देते हुए कहा था कि याचिका पूरी तरह से राजनीति से दुष्प्रेरित है। याचिका के तथ्यों में आय से अधिक संपत्ति का केस ही नहीं बनता। उन्होंने यह भी बताया कि याचिकाकर्ता डा. रमन सिंह आयकर दाता हैं। उनकी पूरी संपत्ति का उल्लेख चुनाव आयोग के पास उपलब्ध है। चुनाव में उन्होंने जब-जब नामांकन पत्र दाखिल किया है, तब उन्होंने शपथ पत्र के साथ पूरी जानकारी दी है।