बिलासपुर। विश्वरंग कार्यक्रम के अंतर्गत आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित डा. सीवी रामन विश्वविद्यालय की पुस्तक यात्रा 18 जिलों का भ्रमण करते हुए विश्वविद्यालय पहुंची। 21 सितंबर को रायपुर में राज्यपाल और 22 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने रतनपुर से हरी झंडी दिखाई थी। समन्वयक ने अपनी पुस्तक यात्रा के अनुभव सुनाकर सबको प्रेरित किया। इस दौरान विश्वविद्यालय और अंचल के स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए विभिन्ना प्रतियोगिताएं रखी गई थी। इन्हें अतिथियों ने पुरस्कृत भी किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवि प्रकाश दुबे ने कहा कि पुस्तक यात्रा ने पूरे छत्तीसगढ़ के साथ भारत में भी पुस्तक के प्रति नई चेतना को जागृत किया है। पुस्तक के महत्व को आज सभी को समझने की जरूरत है। इसमें कला, संस्कृति साहित्य, जीवन दर्शन, प्रेरणा सहित समस्त ज्ञान हैं। इसे आत्मसात कर व्यक्ति अपने जीवन को सरल बनाता है। कुलसचिव गौरव शुक्ला ने विश्व रंग सहित पुस्तक यात्रा की जानकारी सभी से साझा की। उन्होंने कहा कि पुस्तक जीवन में सबसे अहम स्थान रखती है।
इस यात्रा के माध्यम से प्रदेश में यह संदेश दिया है कि आज युवाओं को तकनीकी रूप के साथ पुस्तक पढ़ने की संस्कृति को भी आत्मसात करना चाहिए। ज्ञान अपनी यात्रा पुस्तकों पर करता है ।वर्तमान में तकनीकी ने ज्ञान का सैलाब ला दिया है, जो हमारी संस्कृति के जड़ों को कमजोर कर रही है । पुस्तक ही वह माध्यम है जो हममें ज्ञान का संचार करे ज्ञान ग्रंथि का पोषण करती है। इस अवसर पर रायपुर रूट के पुस्तक यात्रा समन्वयक अब्दुल मजीद ने यात्रा के अनुभव साझा किए। वहीं बिलासपुर रूट की पुस्तक यात्रा के समन्वयक योगेश मिश्रा ने भी यात्रा के अनुभव बताएं।
विद्यार्थी हुए पुरस्कृत
पुस्तक यात्रा के दौरान विश्वविद्यालय में अंतर विभागीय और कोटा अंचल के स्कूली विद्यार्थियों के लिए प्रतियोगिताएं भी कराई गई थी। इसमें चित्रकला, कविता लेखन,नारा लेखन लघु फिल्म निर्माण शामिल हैं। समापन अवसर पर सभी विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। अतिथियों ने उन्हें प्रमाण पत्र भेंट किया।
लोक कलाकारों ने दी प्रस्तुति
पुस्तक यात्रा के आगमन पर शिवतराई से आए लोक कलाकार ने गंडास और करमा नृत्य से स्वागत किया। इसके बाद मंची कार्यक्रम में भी तीनों दल के कलाकारों ने अपने लोक नृत्य की प्रस्तुति दी। वहीं ललित कला विभाग की डा. प्रिया श्रीवास्तव ने कथक की प्रस्तुति दी।इसमें उन्होंने नवरात्र में मां दुर्गा के विभिन्ना रूपों को कथक के माध्यम से सबके सामने रखा।