बिलासपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय और पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय जल्द ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के 'विद्यांजलि' का लाभ बताएंगे। आयोग के सचिव की चिठ्ठी मिलने के बाद इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेंद्र कुमार ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यूजीसी के सचिव पीके ठाकुर ने दो दिन पहले देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के मुखिया को पत्र लिखकर अवगत कराया है। जिसमें सभी उच्च शैक्षणिक संस्थानों एवं उनसे संबद्ध कालेजों/संस्थानों से विद्यांजलि कार्यक्रम का प्रसार करने को कहा है। यूजीसी ने कहा है कि स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने वाले विद्यांजलि कार्यक्रम के बारे में छात्रों एवं कर्मचारियों को जानकारी देने को कहा है ताकि वे इस अभियान से अधिक से अधिक जुड़ सकें। पत्र में कहा गया है कि शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने पिछले वर्ष विद्यांजलि आनलाइन पोर्टल शुरू किया था। विद्यांजलि एक अनोखा स्कूल स्वयंसेवा प्रबंधन कार्यक्रम है। यह समुदायों एवं संगठनों को देश के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में स्कूलों से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। न्यायधानी के सभी कालेजों को एक दो दिनों में यह सूचना पहुंच जाएगी।
स्वयंसेवक दे सकते हैं मदद
आयोग के सचिव ने अपने पत्र में यह भी कहा है कि कोई भी स्वयंसेवक विद्यांजलि पोर्टल के माध्यम से सेवा, परिसम्पत्ति, सामग्री या उपकरण आदि प्रदान कर सकता है। उन्होंने बताया कि इसके तहत सेवा खंड में स्वयंसेवक विषयों में मदद कर सकते हैं। तकनीकी कला एवं शिल्प, योग एवं खेल, व्यवसायिक कौशल, भाषा, विशेष जरूरत वाले बच्चों को शिक्षा सहायता, मध्याह्न भोजन में पोषण सहायता में योगदान दे सकते हैं। विद्यांजलि अभियान के तहत कोई भी स्वयंसेवक प्रशिक्षित परामर्शकों, विशेष शिक्षकों, डाक्टरों के चिकित्सा शिविर, सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों में हिस्सेदारी आदि को प्रायोजित भी कर सकते हैं।