विशेष संरक्षित कोरवा पंडो जनजाति के लोग बुनियादी सुविधाओं से हैं दूर
सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड का ग्राम िखरहिर आज भी बुनियादी सुविधाओं से दूर है
By Yogeshwar Sharma
Edited By: Yogeshwar Sharma
Publish Date: Fri, 04 Mar 2022 10:53:48 AM (IST)
Updated Date: Fri, 04 Mar 2022 10:53:48 AM (IST)
अंबिकापुर।सरगुजा जिले के लखनपुर विकासखंड का ग्राम िखरहिर आज भी बुनियादी सुविधाओं से दूर है।यहां विशेष संरक्षित कोरवा, पंडो जनजाति सहित अन्य समुदाय के लगभग 100 परिवार निवासरत है। इस गांव के लोग आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी शिक्षा स्वास्थ्य ,सड़क बिजली पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझने को मजबूर है। ग्रामीण ढोढ़ी का पानी पीने मजबूर है।
शिक्षा , स्वास्थ्य, से कोसो दूर बदहाल सड़के, लालटेन के सहारे इनका जीवन गुजर रहा है। गांव के बच्चों ने स्कूल का मुंह तक नहीं देखा है। ग्रामीणों के द्वारा बताया कि वर्षों के बाद गांव में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत पहुंचे थे ग्रामीणों की मांग पूरा करने का आश्वासन दिया था। जिसमें 7 हैंडपंप खनन कार्य पूर्ण हो चुका है तथा प्राथमिक शाला भवन का निर्माण कार्य जारी है लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी अन्य मांगे पूरी नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि शासन सत्ता बदलने के बाद भी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया अगर हमारी जल्द मांग पूरी नही हुई तो आंदोलन करेंगे। साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया जाएगा।आधुनिक युग में भी ग्राम िखरहिर के ग्रामीण लालटेन के सहारे जीवन व्यतीत करने को मजबूर है। कई वर्षों पूर्व गांव में छोटे छोटे सोलर पैनल लगाया गया था परंतु मेंटेनेंस नहीं होने के कारण वह भी खराब हो गया है। कई बार ग्रामीणों के द्वारा गांव में बिजली व्यवस्था को लेकर जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य, विधायक, मंत्री सहित बिजली कंपनी से मांग की परन्तु आज तक इनकी मांग पूरी नही हुई। जिस कारण आज भी ग्रामीण लालटेन युग में जीवन जीने को मजबूर हैं।
ढोढ़ी का पानी सहारा
कई वर्षों से ग्रामीण ढोढ़ी के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। गर्मी का मौसम आते ही पानी के लिए ग्रामीणों को पांच किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है। सात हैंडपंप की सौगात मिली है जिसमे पांच हैंडपंप में लाल फ्लोराइड युक्त पानी निकलने से पीने योग्य नही है तो वही एक हैंडपंप धस जाने तथा एक हैंडपंप में मशीन नही लगने से उपयोग में नही आ रहा है । जिस कारण आज भी ग्रामीण गांव के मसानझरिया, गोबरिया ढोढ़ी, पंडरीपानी ढोढ़ी का पानी पीने विवश है।
बारिश में ब्लाक मुख्यालय से कट जाता है संपर्क
बरसात के मौसम में बदहाल सड़क व नदी पर पुल नहीं होने से ब्लाक मुख्यालय से कट जाता है। बीमार होने या प्रसव कराने जाने पर चारपाई के माध्यम से पांच किलोमीटर का सफर पैदल तय कर ग्राम रेमहला आना पड़ता है। इसके बाद उन्हें एंबुलेंस व महतारी एक्सप्रेस की सुविधा मिलती है। यही नही खाद्यान्ना योजना का लाभ लेने ग्रामीणों को पैदल ही सफर करना पड़ता है । मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधियों से सड़क और पुल बनाने की मांग की थी परंतु अब तक मांगे पूरी नहीं हुई है। तो वही वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर खाद्य मंत्री ने गांव में ही खाद्यान्ना उपलब्ध कराए जाने का आश्वासन दिया था। परंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बन पाई और न ही सड़क व पुल बन सका जिस कारण ग्रामीणों को पांच किमी का पैदल सफर तय कर ग्राम रेमहला खाद्यान्ना लेने जाना पड़ता है। इससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
शिक्षा से वंचित है बच्चे
ग्राम िखरहिर में प्राथमिक पाठशाला किराए के मकान में संचालित होता है। अत्यधिक दूरी होने के कारण गांव के बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच पाते। ग्राम िखरहिर बस्ती में स्कूल नहीं होने के कारण कोरवा पंडो जनजाति के लगभग 30 परिवार के बच्चे आज तक स्कूल का मुंह नहीं देखे हैं। कोरवा, पंडो जनजाति के लोगों का कहना है कि हमें भी शिक्षा पाने का अधिकार है हमें भी बेहतर शिक्षा और स्कूल चाहिए। गांव में आंगनबाड;ी केंद्र की वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।महिला बाल विकास विभाग की शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्राथमिकता के आधार पर गांव में विकास व निर्माण के कार्य कराए जाएंगे।अभी मै चुनाव प्रचार में उत्तर प्रदेश में हूं। वहां से आने के बाद इस गांव को बेहतर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश की जाएगी।
डा प्रीतम राम विधायक लुंड्रा
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