अंबिकापुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उत्तर भारत में अगले तीन महीने पड़ने वाली कडा़के की ठंड और कोहरे के कारण से अप- डाउन अंबिकापुर- निजामुद्दीन एक्सप्रेस को पांच दिसंबर से 29 फरवरी तक 87 दिन के लिए रद्द कर दिया गया है। इसी के साथ इलाहाबाद और बनारस के लिए अनूपपुर से मिलने वाली कनेक्टिंग ट्रेन सारनाथ को भी बंद किया जा रहा है। अंबिकापुर से अनूपपुर रेल मार्ग के सभी क्षेत्रों से रेलवे के इस फैसले के विरुद्ध लोगों का गुस्सा सामने आने लगा है। अंबिकापुर- निजामुद्दीन एक्सप्रेस का लाभ न सिर्फ उत्तर छत्तीसगढ़ बल्कि मध्यप्रदेश के यात्रियों को भी मिल रहा था। सप्ताह में एक दिन चलने वाली ट्रेन को रद्द कर देने से हजारों यात्रियों को असुविधा होगी।
रेल और यात्री सुविधाओं के मामले में उत्तर छत्तीसगढ़ पिछड़ा हुआ है। अंबिकापुर से गिनती की जो ट्रेनें चलती हैं उसमें अंबिकापुर- निजामुद्दीन एक्सप्रेस भी शामिल है। यह ट्रेन सप्ताह में एक दिन चलती है। इस ट्रेन के चलने से राष्ट्रीय राजधानी तक का सफर आसान हुआ है। छत्तीसगढ़ के साथ पड़ोसी प्रान्त मध्य्प्रदेश के यात्रियों को भी इस ट्रेन का सीधा लाभ मिल रहा था। अचानक रेलवे द्वारा अन्य ट्रेनों के साथ अंबिकापुर- निजामुद्दीन एक्सप्रेस को रद्द करने का भी निर्णय ले लिया गया। यात्रियों ने रेलवे के इस फैसले को अव्यवहारिक करार दिया है। रेलवे का यह फैसला आते ही क्षेत्रीय नागरिक और यात्री रेलवे प्रबंधन के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। सोशल मीडिया के एक्स के माध्यम से जनता की समस्या को सीधे रेल मंत्री तक पहुंचाया जा रहा है। हालांकि जनप्रतिनिधियों द्वारा इस समस्या के समाधान के लिए अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। नवंबर से फरवरी तक हर साल शीतकाल में कोहरा पड़ना स्वाभाविक है। हर वर्ष दो महीने के लिए कोहरा पड़ता है ।
तो क्या इतने ही दिनों के लिए ट्रेन को बंद कर देना समझदारी भरा निर्णय होगा। जबकि बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश से यात्री इस ट्रेन में दिल्ली तक की यात्रा करते हैं। सुविधाएं बढ़ाने की बजाए समाप्त की जा रही हैं। यह समस्या परे है। आज के अत्याधुनिक तकनीक के जमाने में रेलवे इंजनों में एंटी फोग डिवाइस लगाने की बात हो रही है यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने की बजाय ट्रेन को रद्द कर देना यह कैसी रेल सेवा है। संस्कार श्रीवास्तव ने इस संबंध में रेलवे मंत्री को एक्स पर पोस्ट किया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी अधिकारियों से भी जनहित में यह फैसला निरस्त करने की मांग की है। यात्रियों का कहना है कि रेल प्रबंधन मनमाना निर्णय ले रहा है। उत्तर छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्र में लंबे समय से रेल व यात्री सुविधाओं में वृद्धि की मांग की जा रही है। इन मांगों को रेलवे अनसुना कर रहा है। दूसरी ओर जो सुविधाएं उपलब्ध है उसे भी छीना जा रहा है।
विशेष ट्रेन के समय भी पर्याप्त यात्री
अंबिकापुर- निजामुद्दीन ट्रेन का संचालन आरंभ होने पर श्रेय लेने की राजनीति भी हुई। इसे विशेष ट्रेन के रूप में महीनों तक चलाया गया। उस दौरान सभी बोगियां एयर कंडीशन थी। किराया भी अत्यधिक था। इसके बाद भी यात्रियों ने इस ट्रेन में सफर कर बता दिया कि इस क्षेत्र में रेल सुविधाओं में वृद्धि कितना जरूरी है। रेलवे की मंशा के अनुरूप पर्याप्त राजस्व और यात्री मिलने के कारण ही इस ट्रेन से विशेष का तमगा हटा। नियमित नंबर के आधार पर रेलवे ने इसका संचालन शुरू किया। अब यात्रियों के लिए यह ट्रेन बेहद जरूरी हो चुकी है। ऐसे में कोहरे के कारण इस ट्रेन का संचालन रद्द करने के निर्णय से यात्री बेहद दुखी भी हैं।
रेल सुविधाओं के मामले में पिछड़ा है क्षेत्र
उत्तर छत्तीसगढ़ रेल सुविधाओं के मामले में अभी भी पिछड़ा हुआ है। अंबिकापुर से गिनती की ट्रेन चलती है। अनूपपुर अंबिकापुर रेलखंड पर अंबिकापुर अंतिम स्टेशन है। यहां से रेल लाइन विस्तार की मांग भी लंबे समय से की जा रही है। यह मांग भी पूरी नहीं हो रही है जो सुविधाएं उपलब्ध हैं उसे भी छीन लेने के कारण यात्रियों का परेशान होना स्वाभाविक है। इस क्षेत्र के दर्जनों यात्री सारनाथ एक्सप्रेस से भी आना-जाना करते है। कनेक्टिंग ट्रेन के रूप में सारनाथ की सेवाएं भी अब बंद हो चुकी हैं। अभी अंबिकापुर-दुर्ग-अंबिकापुर, अंबिकापुर-शहडोल-अंबिकापुर, अंबिकापुर-अनूपपुर मेमू ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। इसमें भी दुर्ग ट्रेन का संचालन लगभग 40 घण्टे तक लगातार किया जा रहा है। इससे ट्रेन की सफाई और समय पर पानी भरने का काम भी कई बार नहीं हो पाता है।