-चिंता इसलिए भी बढ़ी क्योंकि संक्रमण सोर्स भी नहीं चल रहा पता
धार (नईदुनिया प्रतिनिधि)। जिले में कोरोना अब अनलॉक है, क्योंकि अनलॉक के बाद 20 दिन बीत चुके हैं और 22 कोरोना संक्रमित सामने आए हैं। हालांकि मरीज एक साथ नहीं धीरे-धीरे बढ़े हैं, लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात है कि अनलॉक होने के बाद मरीज के संक्रमित होने का सोर्स ढूंढना अब स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गया है। अब तक जो केस मिले हैं, उसमें कई ऐसे हैं जिनके सोर्स अब तक स्वास्थ्य विभाग नहीं ढूंढ पाया है।
सोर्स का पता नहीं चल पाना बड़ी चिंता का विषय है। जिला अनलॉक होने से कौन किसे संक्रमित करके चला जाएगा, यह पता नहीं चल पाएगा। इन सबके बावजूद लोग बेफिक्र हो गए हैं और इसे आजादी समझकर नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। कुछ लोग मास्क व शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं। लेकिन कई लोग भी इसे भी बोझ मानकर पालन नहीं कर रहे।
आशंका है कि लोग बीमारी को छुपा रहे हैं
इससे आशंका यह भी है कि कहीं न कहीं लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, क्योंकि जो भी सामने आए हैं, किसी परिवार या सीधे पीड़ित से नहीं जुड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर अध्ययन भी कर रहा है और जानकारी भी जुटा रहा है, लेकिन बीते कई संक्रमित व्यक्तियों के सोर्स को ढूंढ पाना मुश्किल हो रहा है। पहले, दूसरे या तीसरे लॉकडाउन की बात करें तो उसमें कोरोना परिवार तक सीमित था और परिवार के लोग संक्रमित हो रहे थे, लेकिन अब अनलॉक होने के बाद कोरोना भी अनलॉक हो गया है। कौन किसे संक्रमित कर रहा है, यह ढूंढना मुश्किल है। निजी डॉक्टर के संक्रमित होने का सोर्स अब तक पता नहीं चला। कुछ दिन पहले निजी अस्पताल के एक डॉक्टर संक्रमित हो गए थे। उसको लेकर स्पष्ट सोर्स अभी तक नहीं मिल पाया है। ऐसे ही कई पिछले सोर्स को लेकर विभाग हिस्ट्री खंगाल रहा है। लेकिन सही व वास्तविक सोर्स को पकड़ पाना मुश्किल हो रहा है।
अनलॉक होने से चुनौतियां बढ़ी हैं। संक्रमण का सोर्स ढूंढना मुश्किल हो रहा है। हमारी टीम हिस्ट्री व संपर्क ढूंढ रही है। कई बार लोग जानकारी को लेकर भी सपोर्ट नहीं करते हैं। लोगों को अपनी बीमारी के बारे में छुपाना नहीं चाहिए। इससे उनका नुकसान होगा। उनको व परिवार को खतरा होगा।
-डॉ. संजय भंडारी, जिला स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अधिकारी